भारतीय फौज़ी




केसरिए-हरे में भेद नहीं पाता हूँ,
दूसरे के बच्चों में अपने बच्चों का प्रतिबिम्ब पाता हूँ
मंदिर-मस्जिद सबमें इबादत करता हूँ
एक माँ से बिछड़कर दूसरी माँ का क़र्ज़ अदा करता हूँ
होठों पर सलाम-नमस्कार रखता हूँ,
हाँ मैं एक फौजी हूँ…
हाथों में तिरंगा और
दिल में हिन्दुस्तान रखता हूँ
~शिखर पाण्डेय

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